पंचतत्व चिकित्सा क्या है ?

🏵 *पँचतत्व चिकित्सा क्या है?* 🏵

पँचतत्व चिकित्सा बिना औषधियों (दवाइयों) के पंच महाभूतों (वायु, अग्नि, पृथ्वी, आकाश एवं जल) के समायोजन का समन्वय है।


पँचतत्व चिकित्सा का क्या आधार है?

पंचतत्व चिकित्सा  का आधार वैदिक चिकित्सा है, जिसका वर्णन सभी वेदों में, धर्म गर्न्थो, व प्राचीन सप्त ऋषियों (गौतम, भारद्वाज, विश्वामित्र, जमदग्नि, वशिष्ठ, कश्यप एवं अत्रि) के दर्शन व उनकी रचनाओं में दिखती है।  आयुर्वेद व योग से परिचित करवाने वाले ऋषियों जैसे - ऋषि पाणिनी, पतञ्जलि, चरक, वाग्भट्ट जी आदि ऋषियों ने भी "मनुष्य व प्रकृति" के संबंधों के विषय में अपनी रचनाओं में उद्गत किया है।

👉🏼 उदाहरण मात्र

ये त्रिषप्ताः परियन्ति विश्वा रुपाणि बिभ्रतः
वाचस्पतिर्बला तेषां तन्वो अद्य दधातु मे....

- (अथर्ववेद, प्रथम अध्याय, प्रथम सूक्त )

जो रजोगुण, तमोगुण एवं सतोगुण तीन गुण और पृथ्वी, जल, तेज (अग्नि), वायु , आकाश, तन्मात्रा एवं अहंकार सात दिव्य पदार्थ दिव्य रूप में सवर्त्र भ्रमण करते हैं, वाणी के स्वामी ब्रह्म  उन तत्वों एवं पदार्थो की दिव्य शक्ति मुझे दें।।

क्षिति जल पावक गगन समीरा
पंच रचित अति अधम शरीरा
(तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस में पंचतत्व का वर्णन)

पँचतत्व चिकित्सा की प्रेरणा कैसे मिली?

पँचतत्व चिकित्सा आदिकाल से ही सनातन भारतीय संस्कृति में रही है। विदेशी आक्रांताओं व गुलामी के कारण इस संस्कृति को नष्ट किया।  
   वर्षों कड़ी मेहनत के पश्चात हमारी "पँचतत्व आरोग्यम शोध व चिकित्सा संस्थान" के प्रणेता श्रद्धेय श्री ब्रजमणी शास्त्री जी ने इसे पुनः खोज निकाला है। 

पंचतत्व शोध की प्रेरणा व प्राचीन चिकित्सा पद्धति

 महाभारत काल में ऐसी अद्भुत चिकित्सा पद्धति थी जो कि संध्या काल से सुबह के पहर तक 12 घण्टे से भी कम समय मे योद्धा के कटे हुए अंगों और प्राणघातक चोटों से उबारकर पुनः युद्ध के मैदान में युद्ध के लिए तैयार कर देती थी।
उसी महाभारत कालीन पँचतत्व चिकित्सा के अंश मात्र को समझकर अब तक आचार्य जी महाराष्ट्र, हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि राज्यो में शिविरों के माध्यम से, व  "पलवल कुटिया" पर अब तक हजारों असाध्य रोगियों को पिछले 5 वर्षों में स्वस्थ्य किया है।
इस पुनीत कार्य में संस्थान से सीखे हुए स्वयंसेवक देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी इस पुनीत कार्य से रोगियों को लाभ पहुँचा रहे हैं।


पँचतत्व चिकित्सा कौन कौन सीख और कर सकता है?

संस्थान के द्वार सभी सेवा, निष्काम भाव से भरे हुए स्वयं सेवक जनों के लिए खुले हुए हैं।
 अब तक संस्थान से "पंचतत्व चिकित्सा" में निपुण IITians, IIMians, IT प्रोफेशनल्स, Ex आर्मी सेवा कर्मी, इंजीनियर्स, पंचगव्य चिकित्सक, योग चिकित्सक, ड्राइवर्स, छात्रगण आदि समाज के सभी वर्गों के लोगों ने पंचतत्व चिकित्सा को सीखकर सफल सेवा कार्य कर रहे हैं।

पँचतत्व चिकित्सा को कैसे सीखा जा सकता है?

पंचतत्व चिकित्सा को सीखने के लिए आपको  निःशुल्क पँचतत्व चिकित्सा सेवा समूह जो कि Whatsapp & Telegram पर चल रहे हैं, उनसे जुड़कर आगामी प्रशिक्षण सत्र की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

Telegram का समूह केवल चिकित्सा के लिए बनाया गया है। प्रशिक्षण समूह नही है। इस समूह में अनुभवी चिकित्सको के द्वारा रोगियों का उपचार किया जाता है।  
👉🏼 ग्रुप में जुड़ने के लिए लिंक
*Step 1- दिए गए लिंक पर क्लिक कीजिए और टेलीग्राम install कीजिये* https://telegram.org/ 

*Step 2 - उसके बाद दिए गए link पर click कीजिये और पंचतत्व चिकितिसा समूह से जुड़िये*
t.me/panchtatvchikitisa

*Whatsapp समूह से जुड़ने के लिए लिंक*

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पंचतत्व किन बातों की समीक्षा करता है?

रोगी को पंचतत्व चिकित्सा के लिए एक फार्म में अपने विषय में जानकारी देनी होती है। जैसे रोगी की जन्म तिथि, जन्म समय, समस्या घटने - बढ़ने का समय, रोगी को मल मूत्र, स्वाद, रुचि की जानकारी देनी होती है। जिसके माध्यम से चिकित्सक रोगी का विश्लेषण करके उसे हाथ - पैर में एक रंग या चुम्बक लगाने के विषय में बताता है। 
पंचतत्व बेहद प्रभावशाली है और अद्भुत परिणाम प्रदर्शित करती है, चिकित्सक के रोगी दोनों के लिए अद्भुत रोमांचकारी है। 

पंचतत्व में किन रोगों की चिकित्सा की जाती है?*

पंचतत्व चिकित्सक सभी तरह के शारीरिक, मानसिक व स्नायुतंत्र के रोगों के रोगों पर चिकित्सा करता है। 
क्योंकि पंचतत्व चिकित्सा रोग की नहीं अपितु रोगी की सम्पूर्ण चिकित्सा है, अतः सभी उम्र और रोग के रोगी पंचतत्व चिकित्सा का लाभ ले सकते हैं।

*व्यक्तिगत चिकित्सा के लिए संस्थान के पते:-*

पँचतत्व शोध, प्रशिक्षण एवं चिकित्सा संस्थान
KMP चौक के पास, आटोहा मोड़, आटोहा द्वार के पास
पलवल
उपरोक्त स्थान पर समय लेकर सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक *"चिकित्सा शुल्क"* देकर दिखाया जा सकता है।

पँचतत्व चिकित्सा के कैसे परिणाम आते हैं?

पँचतत्व चिकित्सा अद्भुत परिणाम देती है, इसके लिए रोगी को बिना छिपाए फार्म पर पूरी जानकारी देनी होती है, तथा चिकित्सक से कम से कम तीन दिन तक अपने अनुभव रखने होते हैं और कई बार रोगी के अनुसार चिकित्सा लम्बी भी चल सकती है, जिसे रोगी या उसके परिजन बताई गई चिकित्सा को स्वयँ से घर पर दोहरा सकते हैं पूर्ण रूपेण स्वस्थ्य होने तक, जिसमे जरूरत के अनुसार परामर्श की आवश्यकता हो सकती है।

"चिकित्सक रोगी की केवल पाँचो बिगड़ी ऊर्जाओं का समन्वय करता है।" 

👉 उदाहरण के लिए

https://youtu.be/ClSmd4RQW1M

ऑनलाइन चिकित्सा के परिणाम का उदाहरण
👉🏼 *पंचतत्व चिकित्सक आपके क्षेत्र में भी हो सकते है, अतः ज्यादा जानकारी के लिए निम्नचलभाष पर सम्पर्क करें।*
+918010274667
+919871092460
+919911410861
+919028663481
+919160632231 

🌼 पंचतत्व आरोग्यम सेवा संस्थान, पलवल🌼
🌹 *पंचतत्व आरोग्यम् शोध एवं चिकित्सा संस्थान*🌹

लेख व संकलन
गौरव कुलश्रेष्ठ
पंचतत्व प्रेरक

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