पंचमहाभूत (पंचतत्व) और 12 राशियाँ
🕉️ पंचमहाभूत का 12 राशियों में सम्बन्ध 🕉️ पंचतत्व / पंचमहाभूत से ही यह भौतिक पराभौतिक संसार की रचना है। यदि हम समझे कि शिव (परमात्मा) जीव (आत्मा) के प्राण हैं तो शक्ति (प्रकृति) जीव के जीवन का आधार है। सरल शब्दों में समझें तो ईश्वर सृष्टि का सृजन, पालन और प्रलय, इन्हीं 5 तत्वों के माध्यम से करते हैं। जैसा कि वेद कहते हैं कि हमें मानव शरीर 84 लाख योनियों के चक्र में जीवन जीने के पश्चात मिलती है, परन्तु हर बार जीवन चक्र से पहले और बाद में भी जीवन अलग अलग स्तरों पर जारी रहता है, जिसमें हमारी आत्मा सतत जीती है। सरल शब्दों में समझने के लिए हम श्री मद्भागवत गीता (अध्याय 7, 10 व 11) से समझ सकते हैं, और इस कथन को मैं यही विराम देना चाहूंगा। अन्यथा आप पाठकगण विषय वस्तु से भटक जाएंगे, जिसे फिर कभी आगामी लेख के माध्यम से पुनः स्पष्ट करने की चेष्टा करूँगा। 🕉️ यथा ब्रह्माण्डे तथा पिण्डे 🕉️ जिस प्रकार ब्रम्हांड में 5 तत्व आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी विद्यमान हैं, उसी तरह इस सृष्टि में सब कुछ निहित है। इसी सृष्टि से मानव शरीर का सृजन हुआ है। इन प...