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🌎 पंचतत्व आरोग्यम सेवा संस्थान 🌎 द्वारा संचालित का 40 वाँ प्रशिक्षण शिविर - offline माध्यम 19,20 अगस्त 2023 (दिन शनिवार व रविवार)

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🌎  पंचतत्व आरोग्यम सेवा संस्थान 🌎   द्वारा संचालित 🌄 पँचतत्व शोध, प्रशिक्षण व चिकित्सा संस्थान 🌄 का 40 वाँ प्रशिक्षण शिविर - ऑनलाइन माध्यम  19,20 अगस्त 2023 (दिन शनिवार व रविवार) मित्रो जैसा आप सबको विदित है कि        हमारे संस्थान के प्रणेता " श्रद्धेय श्री ब्रजमणी शास्त्री जी"  द्वारा पिछले दो वर्षों से भारत की प्राचीन व लोकोकित कहावतों के आधार स्तम्भ पर टिकी चिकित्सा प्रणाली जो कि सृष्टि के आरम्भ से ही सर्व मानव कल्याण के लिये हर गांव- घर में एक सरल नियम समय व ऋतु आधारित कार्यकलापो का पालन करके अन्याय व गम्भीर रोगों से लड़ने  के लिये सर्वमान्य सर्व सुलभ चिकित्सा प्रणाली थी जो आधुनिकता की ललक में विलीन होने के कगार पर है, जिसके लिये "पंचतत्व आरोग्यम सेवा संस्थान" के माध्यम से "शास्त्री ब्रजमणि जी" अपने अन्यान्य मित्रो के साथ पिछले 10-15 वर्षों से शोध कार्य मे संलग्न रहकर इसको और सरल रूप में लाने के प्रयास में कार्यरत रहकर समय-समय पर संस्थान के माध्यम से इसको आम जन तक पहुचने के कार्य मे संलग्न हैं। तो क्या था ? मानव जीवन पर मौषम, तीज-त्यौहारों का महत्व