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🏵 कोरोना के साथ जीने की आदत 🏵

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🏵 कोरोना के साथ जीने की आदत 🏵 आज के 15 - 20 दिन पूर्व सूरत और अहमदाबाद से कई मित्रों ने बताया था कि हम लोगों को स्वदेशी औषधियों के विषय में बताकर जागरूक कर रहे हैं, हमारे कई साथी बहुत बड़ी मात्रा में कुछ औषधियाँ बाँट भी रहे है, क्योंकि यहाँ पर काफी लोगों को बुखार हो रहा है तथा संभवतः उनमें कोरोना भी फैला हो। एक सप्ताह पूर्व एक स्वास्थ्य कर्मचारी से बात हो रही थी, जिसमें उन्होंने बताया कि बिना जाँच किये बाहर से आये लोगों को पहले 14 दिन के लिए कोरोन्टाइन किया जाता था, तथा उन्हें 14 दिन बाद जब छुट्टी दी जाती है तो लगभग 2000 रुपये का राशन भी दिया जाता है। लेकिन अब तीन चार बाद ही उन्होंने घर भेज दिया जाता है।  स्वास्थ्य के विभाग के कर्मचारी व इलाज करा चुके कुछ लोगों ने यह भी बताया कि यह कोई जरूरी नहीं कि सर्दी - जुकाम, खाँसी - बुखार से ही कोरोना की पुष्टि हो सके कई लोगों को मात्र कई दिनों के सिर - दर्द, दस्त, शरीर में दर्द बने रहने, या भूख ना लगने की वजह से जब चेकअप कराया तो उनमें भी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई।  मुम्बई से कुछ इलाज कर रहे लोगों ने बताया कि डॉक्टरों से बा